कइसे कटही जेठ के गरमी
लकलक-लकलक सुरूज बरत हे उगलत हवय अंगरा
बड़ेेफजर ले घाम उवत हे जरत हवय बड़ भोंभरा
पानी बर हहाकार मचे हे जम्मो जीव परानी म
कईसे कटही जेठ के गरमी दुनिया हे परशानी म
तरिया-डबरी म पानी नइहे नदिया घलो अटागेहे
पारा के पारा चढ़गेहे ,रुख-राई मन अइलागेहे
मनखे घरघुसरा होगेहे अपन कुरिया- छानी म
नई देखे हे कभु कोनो अइसन गरमी जिनगानी म
पनही घलो चट-चटजरथे,कूलर-पंखा फेल हवय
देह उसने असन लागथे कुदरत तोर का खेल हवय
पछीना पानी असन ओगरथे आगी के झलकानी म
लू के दिन तो अउ खतरा हे झन घुमहव नदानी म
साइकिल,मोटरसाइकिल वाले मुहकान बाँधे दिखथे
कुकुर बिचारा बड़ मजबूर तरिया भीतर उहू बुड़थे
चिरई चारा बर नइ निकलय अइसन संकट असमानी म
काम बुता जम्मो लटकेहे सबझन के अनकानी म
परदुशन अउ उदयोग ह पिरथी के ताप बढ़ाए हे
मनखे घलो ह बड़ खरचिस पानी ल कब बचाए हे
छप होगेे कतको जन्तु कतको हे खतरा निशानी म
समझव जिम्मेदारी सब नइते मिलहि सिरिफ ‘कहानी’ म|
हर घड़ी होत हे दामिनी,अरुणा हा शिकार”
कोनो कोंटा नइ दिखय सुरच्छित नारी मन
कश्मीर ले कन्याकुमारी तक बिचारी मन
हर रद्दा भेड़ियामन जीभ लमाय घुमत हे
रोज कतको बेटी के जिनगी ल लूटत हे
रद्दा रेंगत अबला ला गंदा ताना सुनात हे
वासना के आँखी म ओहा रोज नपात हे
कई बिद्वान कम कपड़ा ल कारन बतात हे
अइसन बोल बलत्कारी ल मूड़ म चढ़ात हे
बस,मॉल,रेलगाड़ी,कुछु सुरच्छित नइहे
का बलत्कारी के जिनगी म ‘माँ’शब्द नइहे
हर घड़ी होत हे दामिनी,अरुणा हा शिकार
जाने कब होही खतम ये देश ले बलत्कार
घर-समाज घलो पीड़िता ल कहाँ अपनाथे
जउन ल देख ओखरे ऊपर अंगरी उठाथे
बलात्कार ले जादा ओला समाज घाव देथे
का काम के समाज जेन जीते जी मार देथे
परिवार घला अइसे म अकेल्ला छोड़ देथे
दुःख के मजधार म अपन मुहु मोड़ लेथे
बाँचे खुचे जिनगी अस्पताल म कटथे
ये सोंचत भगवान काबर नारी जनम देथे?
चिराय पतंग चिपकाय म दुबारा उड़ा जथे
अउ फर-फर करत उंच बादर ल पा जथे
फेर एक पीड़िता बेटी काबर नइ उड़ाही
सोंच बदले के देरी हे वहू ‘अगास’ पाही|
सुनिल शर्मा “नील”
थान खमरिया,बेमेतरा(छ.ग.)
7828927284
9755554470
Sunil bhaiya bahut badiya sabd chyan he au pura bhav l byakt karat he
Badhai
Jai johar
dinesh rohit chaturvedi
khokhra, janjgir
dhanywaad aapke maya bar chhote bhai…jay johaar
बहुत बढ़िया रचना हे
बधाई हो शर्मा जी #
सादर धन्यवाद मयारु छोटे भाई दिनेश जी……….
Jai johar ..
Bikat badhiya ga sangwari
धन्यवाद महेंद्र देवांगन”माटी”जी….आपमन के मया अउ दुलार सेती
धन्यवाद ,जय जोहार भाई विष्णु कुमार जी………